Self-Respect बढाने का व्यवहारिक तरीका

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पिछले लेख में हमने समझा कि, “कैसे हमारा आत्मसम्मान धीरे-धीरे घट जाता है?” अब इस लेख में हम जानेंगे कि Self-Respect बढाने का व्यवहारिक तरीका क्या हैं। सोसल मीडिया पर कई सारे पोस्ट हैं, जो अव्यवहारिक समाधान बताते हैं।

व्यक्ति का Self-Respect, human behaviour का part है। इसलिए हमे अपने behaviour को बदलना होगा।

न्यूटन के तीसरे नियम के अनुसार “हर क्रिया की एक प्रतिक्रिया होती है” और यह नियम human behaviour पर भी लागू होता है।

परंतु, चूकिं “मनुष्य में चेतना होती है”। इसलिए “मनुष्य क्रिया के अनुरूप प्रतिक्रिया करते हैं।” जैसे- सामान्य परिस्थितियों में यदि आप किसी पर पत्थर मारोगे, तो प्रतिक्रिया स्वरूप वह आपको गाली देगा या झगड़ा करेगा।

जैसा कि हम जानते हैं कि, “हमारे मन(भावना), वचन(बोली गयी बात) और कर्म से लोग हमें जज करते हैं।” और उसी अनुरूप हमें सम्मान करते हैं।

हम अपनी मन को नियंत्रित कर, वाणी को बदलकर और श्रेष्ठ कर्म से ऐसी क्रिया करेंगे, ताकि हमारे बारे में लोगों की राय बदल सके। और प्रतिक्रिया स्वरूप आपको अधिक सम्मान मिल सके। आईए जानते हैं इसके लिए हमें क्या करना होगा ।

Self-respect person

मन को नियंत्रित करना

मन के निम्नलिखित रुपों को नियंत्रित करो-

1. मजा मत ढूंढो-

आजकल हमारी प्रवृत्ति बन गई है। कि हमें हर बात में, हर काम में मजा चाहिए होता है। Self-Respect और एंटरटेनमेंट दोनों एक दूसरे की विपरीत हैं। आप किसी एक को ही चुन सकते हैं।

कभी-कभी हम मजे के लिए फ्लो-फ्लो में बहुत ही गंदा बोल जाते हैं। जिसे सुनकर शायद आसपास के लोग शर्मा जाएं। ऐसा मत होने दो। अपने शब्दों की एक मर्यादा सेट करो। एक गंभीर और जिम्मेदार व्यक्ति की तरह Straight और Smart व्यवहार करो।

self-respected smart person

2. तुरंत जवाब-

यदि आपको किसी पर क्रोध आ रहा है।तो आपका मन आपसे कहता है कि, अभी के अभी पूरी भड़ास निकाल दो। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। “सही समय का इंतजार करो। सही समय पर कही गई आपकी कोई भी बात लोगों लिए एक सिख होगी।” वह आपको एक प्रेरणा स्रोत के रूप में सम्मान देगा।

3. आलसी मन-

मन बहुत ही आलसी होता है। वह अधिक से अधिक कार्य दूसरों से करवाना चाहता है। परंतु इससे आप दूसरों पर निर्भर होते जाओगे। लोग आपको नकारा समझेंगे। इसलिए अपना हर छोटा से छोटा और बडे से बड़ा काम स्वयं करो।

4. आकर्षण के प्रति कार्य-

मन अनावश्यक चीजों के प्रति बहुत जल्दी आकर्षित होता है। बाद में सोचने पर आपको छापरी वाली फीलिंग भी आ सकती है। आपको ऐसे आकर्षक चीजों से पूर्वोत्तम सचेत रहना होगा। चीजों के प्रति आकर्षित हो, परंतु उसके प्रति कोई एक्शन लेने से पहले जरूर सोचे और परखें।

(वाणी) बात-चीत करने का तरीका

यह Self-Respect के लिए दूसरा सबसे बडा कारक है। क्या आपकी बात करने का तरीका थोड़ा गवारों जैसा नहीं है। बात-बात में गाली देना, नाम बिगड़ना, गुप्तांगों पर चर्चा करना आदि। इसीलिए लोग मुहँ की तुलना काल से करते हैं। इस तरीके को बदलना होगा। जैसे-

  • अधिक मत बोलो, जितना कम बोलकर आपकी बात को समझाया जा सकता है, उतना ही बोलो।
  • अपनी बात को तथ्यों का तर्कों से साबित करो।
  • न किसी की निंदा करो और न ही सुनो।
  • ऐसी बात मत करो जो आपके विषय में नकारात्मक भाव पैदा करते हैं।
  • दूसरों को बोलने का, उनकी बात रखने का पूरा अवसर दें।

(कर्म) कार्य करने का तरीका

1. कोई ऐसा कार्य न करें, जिससे आपको शर्मिंदा होना पड़े।

आइए हम एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए आप बेरोजगार हैं। आपका एक दोस्त किसी बड़ी कंपनी में काम करता है। जब आप उससे काम के लिए मदद मांगते हैं, तो वह निःसंदेह आपको अपने पास आने को कहता है। मेरा ये, मेरा वो करके आपको यकीन दिलाता है।

परंतु जब आप नौकरी के लिए वहां जाते हो। तो, आपका दोस्त आपका फोन ना उठाएं, अपने आप को बहुत व्यस्त बताकर आपको इग्नोर करें या आपको पता चले कि कंपनी में कोई पोस्ट खाली नहीं है। तो आपके मन में आपके दोस्त के लिए क्या इज्जत रह जाएगी।

2. नि:स्वार्थ मदद-

हम जब भी किसी की मदद करते हैं, किसी के लिए कुछ करते हैं। तो, हम उनसे यह अपेक्षा करते हैं। कि, आवश्यकता पड़ने पर वह भी हमारे साथ उतना ही करेगा, जितना मैने किया है। परंतु, अपेक्षा पूरी नहीं होने पर दोनों में मनमोटाव या टकराव की स्थिति उत्पन्न होती है।

3. सभी के साथ सम्मान से पेश आए।

आप जिनके साथ गाली से बात करते हैं, जाहिर है वह भी आपसे उसी लहजे में बात करेता होगा। प्रकृति का नियम ही यही है। कि, रिस्पेक्ट दोगे तो रिस्पेक्ट मिलेगा।

4. ईर्ष्या मत करो।

किसी के नाम से, किसी के काम से मत जलो। लोगों से कंपीट करो। अपनी खुद की पहचान बनाओ।

इन सबके अलावा यह बात ध्यान रखना कि, विश्व का हर व्यक्ति आपका सम्मान नहीं करेगा। ऐसा संभव ही नहीं है। कुछ लोगों का जन्म आपका विरोध करने के लिए, आपको नीचा दिखाने के लिए ही हुआ है। उनके लिए चिंतित रहना व्यर्थ होगा।

आपका सम्मान नहीं करेंगें। किसी बड़ी दुर्घटना के बाद ही वे आपका सम्मान कर सकते हैं।


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This Post Has 2 Comments

  1. Vivek

    Ha sir ye Kam ka lag rha hai

  2. Abhi

    Wah sir thank you for your dreams

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